दोहे
मोर मोर ही कह रहे , बना उसे सिरमोर !
मोर मोर ही कह रहे , बना उसे सिरमोर !
जाने है विधना यही, बहे आँख घनघोर !!
मोर पपीहा चातकी , बात बिना मशहूर !
मेरे मन की क्या कहूँ, रोय गंवाया नूर !!
मोर बिना बादल नहीं, बादल बिन बरसात !
जिन नैनन आँसू रहे, बिन बादल बरसात !!
आ रही और जा रही, उमड़ घटा घनघोर !
बिजुरी मन चमकत रही, छम छम नाचे मोर!!… ''तनु ''
मोर बिना बादल नहीं, बादल बिन बरसात !
जिन नैनन आँसू रहे, बिन बादल बरसात !!
आ रही और जा रही, उमड़ घटा घनघोर !
बिजुरी मन चमकत रही, छम छम नाचे मोर!!… ''तनु ''
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