कौन बंजारा हुआ किस दर्द की खातिर!
आज मेरे गीत खोये शब्द की खातिर!!
थक गए पाँव भी वफ़ा की राह में चलते !
तक रही अब राह भी अनजान की खातिर!!
होम करके अब स्वयं को अग्नि में!
प्राण पाऊँ और किस प्राण की खातिर!!
------"तनु"
आज मेरे गीत खोये शब्द की खातिर!!
थक गए पाँव भी वफ़ा की राह में चलते !
तक रही अब राह भी अनजान की खातिर!!
होम करके अब स्वयं को अग्नि में!
प्राण पाऊँ और किस प्राण की खातिर!!
------"तनु"
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