साथ गुबार के हर कारवाँ गुजरता है,
वक्त भी किसी के साथ कहाँ ठहरता है!
गुंचे चाहते हैं कि बहारें आती रहें, ,,
खिजाँ के बगैर भी चमन कहाँ सँवरता है!!**"तनु"
वक्त भी किसी के साथ कहाँ ठहरता है!
गुंचे चाहते हैं कि बहारें आती रहें, ,,
खिजाँ के बगैर भी चमन कहाँ सँवरता है!!**"तनु"
No comments:
Post a Comment