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Saturday, January 5, 2019
सुमन खिल गया
गुनगुनाने से भौरों के सुमन खिल गया,
चाहा जग से किनारा नंदन मिल गया!
ये कैसी आरज़ू थी चाह और राह भी, ,,
दीवानगी माँगी तो बंधन मिल गया!!**"तनु"
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