बदलती तारीख़ है, अब किसकी बारी है!
चलने की तैयारियां सारी की सारी हैं!!
उसने वक्ती तौर पर खुद को बदला भी!
पर निशाना खाली नहीं शातिर शिकारी है!!
चेहरे कितने छुपे हर चेहरे के पीछे!
लूट लेगा कब तुझे वो कारोबारी है!!
लूटना मत तुम खुदा के नाम किसी को!
नाम तुम्हारा पर उसका नाम भारी है!!
निकल भी आओ अब इस दलदल से तुम!
कोठरी काजल की काजल से भी कारी है!!
मंज़िलें मिलती नहीं इस रास्ते चल के!
इन रास्तों पर नहीं कोई चलती सवारी है!!
रोटियाँ पकती नहीं अब मिट्टी के चुल्हे पर!
दौर है नया हर चुल्हे की बुझी चिंगारी है!!
जी रहे हैं गफलतों में छोड़कर जीना !
"तनु" मर के ही जीते रहे अजब संसारी हैं!!
-----"तनु"
चलने की तैयारियां सारी की सारी हैं!!
उसने वक्ती तौर पर खुद को बदला भी!
पर निशाना खाली नहीं शातिर शिकारी है!!
चेहरे कितने छुपे हर चेहरे के पीछे!
लूट लेगा कब तुझे वो कारोबारी है!!
लूटना मत तुम खुदा के नाम किसी को!
नाम तुम्हारा पर उसका नाम भारी है!!
निकल भी आओ अब इस दलदल से तुम!
कोठरी काजल की काजल से भी कारी है!!
मंज़िलें मिलती नहीं इस रास्ते चल के!
इन रास्तों पर नहीं कोई चलती सवारी है!!
रोटियाँ पकती नहीं अब मिट्टी के चुल्हे पर!
दौर है नया हर चुल्हे की बुझी चिंगारी है!!
जी रहे हैं गफलतों में छोड़कर जीना !
"तनु" मर के ही जीते रहे अजब संसारी हैं!!
-----"तनु"
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