Labels

Saturday, January 19, 2019

मेरे अपने न समझें, मेरे मन की बात,
कहाँ बिछौना ये बिछे, बिछती कहाँ बिसात!
मग में काँटें लाख हैं,  निपट अकेली रात, ,,
कब पराये कर जाए,  मेरे मन से घात!!
----"तनु"

No comments:

Post a Comment