आइये आ जाइये टूटी अटारी है!
मुश्किलों में ये हँसी झूठी सँवारी है!!
दिल नहीं बंजर महक इसमें है सावन सी !
यूँ बियाबाँ से ग़ज़ल बूँदों उतारी है!!
चूमने लग जाये कोई याद मेरी कहीं !
साँझ की चौखट दीया धर कर दुलारी है!!
इक जुस्तजू है नज़र दिल के मेहमाँ को !
आसमा इक लूँ बना ये लत बीमारी है!!
राह तेरी देखती ये जिंदगी भी है!
और 'तनु' लटकी सर तलवार दुधारी है!!
इक जुस्तजू है नज़र दिल के मेहमाँ को !
आसमा इक लूँ बना ये लत बीमारी है!!
राह तेरी देखती ये जिंदगी भी है!
और 'तनु' लटकी सर तलवार दुधारी है!!
------"तनु"
No comments:
Post a Comment