ग़मों को क्यों बारहा मन ही मन दोहराता है ----- ये आदमी !
लतीफ़ो को दोबारा सुन कर नहीं हँसता है --------ये आदमी !!
सुखद यादों में गोते लगाता कभी मन ही मन रोता है,
आहें भर, बूढी, किलकारियों में जीता है ----------- ये आदमी,…''तनु ''
लतीफ़ो को दोबारा सुन कर नहीं हँसता है --------ये आदमी !!
सुखद यादों में गोते लगाता कभी मन ही मन रोता है,
आहें भर, बूढी, किलकारियों में जीता है ----------- ये आदमी,…''तनु ''
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