Labels

Saturday, April 18, 2015

दें गर नसीहत किबला,  खुद भी अमल कीजिये !
शोर दिल में है कितना,  जिद भी असल कीजिये !! 
पकते रहेंगे ख्याली पुलाव यूँ दर रोज़ ही ,,,,,,,,
है घट अधजल छलकता,  खुद भी अकल कीजिये !!!''तनु '' 

अकल = पूरा, सम्पूर्ण 




No comments:

Post a Comment