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Saturday, April 18, 2015

चरित्र ऐसा कि, बात बात से सीख लीजिये ;
बोल ऐसे कि,   घुली हुई मिश्री सी लीजिये ! 
ये ठाड़े हैं,   व्यवहार के इस बाज़ार में , 
साँच की कीमत, बड़ी है झूठ हार लीजिये  !!

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