तुम इला, इड़ा
धरित्री तुम ही।
तुम पालक, तुम सृजक
तुम गणेश सी ,
प्रथम पूज्य
हो।
तुम उपवन, तुम वन कानन
तुम कुसुम
तुम सिंदूर, तुम महावर
तुम हीना सी
पावन महक
हो।
तुम जीवन, तुम मधुबन
तुम रचेता ,
तुम प्रणेता, तुम अवसान
अवगाहन तुम ही।
तुम सृष्टि सी,
स्वजन सजन
हो।
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