'ग़ैब का हाल खुदा जाने'
ना--- जानू मैं ,ना तू जाने ;
'ग़ैब का हाल खुदा जाने'!
खुशियों में मीठे गीत गुने;
गाती चिड़ियों को मीत चुने !
जिस भोर को बुलाया मैंने,
उसी सुबह थे सपने बुने !!
फिर प्रीत हुई यूँ अनजाने ,
ना -- जानूँ मैं, ना तू जाने !!
'ग़ैब का हाल खुदा जाने …
हवा ने हौले से दुलराया;
दामन सपनों का लहराया !
फिर प्रीत में मनवा डूबा,
तन झूमा औ मन इतराया !!
सुनहरा दिन रंगीन शामें,
ना -- जानूँ मैं, ना तू जाने !!
'ग़ैब का हाल खुदा जाने …
एक दिन भीषण वज्राघात;
रोते मिल कर प्रात औ रात !
होनी न कहकर है आती,
बीती ना तमस की वो रात !!
सपने टूट गए सुहावने,
ना -- जानूँ मैं, ना तू जाने!!
'ग़ैब का हाल खुदा जाने ,
ग़म उसका ख़ुशी भी उसकी ;
प्रीत और नफ़रत भी उसकी !
गम से अब क्योंकर है डरना,
खेवक वो नैया भी उसकी !!
वो आयेगा पार लगाने ??
ना -- जानूँ मैं, ना तू जाने !!
'ग़ैब का हाल खुदा जाने …
ना जानूँ मैं ना तू जाने !!
'ग़ैब का हाल खुदा जाने … ''तनु ''
No comments:
Post a Comment