आखर चुन लो
काल चक्र को
कैसे मोड़ें ?
नैन कैसे जुड़े ? आखर से …
कौन पढ़े ?
??
कह सके ना, अपनी बात !!!
पन्नों के ,
कैदी !!!
ये निर्दोष हैं
व्यवहार से कार्य से
कौन सुने उनकी ?
कोई न जा सका
??
मोती ढूँढने
बहुत गहरे
कोई तुम सा
धृति !!!
मुक्त करने तुम्हे ,
ज्ञान भरने तुममें
चाहते
बहुत कुछ कहना तुमसे
खोजना , छुपा हुआ !
??
पता है !
इन पुस्तकों में …
जाओ न ,
गैदी !!!
खो जाओ इनमें ,
उठाओ बीड़ा !!!
बन के कीड़ा इनका
पा लो ,
जो इनमें है छुपा
नन्हों!!!
किताबें भी माँ हैं
??
छिपो आँचल में
चढ़ो ज्ञान की
पैड़ी !!!
कहाँ है अंत ?
किसका ?
ज्ञान का ? पाये न पार ,
देखो छूट न जाना,
मझधार…
??
हाँ मैं कहूँगा
तुम कहोगे
सब कहेंगे
नेति !!!
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