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Monday, April 27, 2015


तुम तो !!
जानते ही नहीं ?
दर्द जो व्यक्त है ,
न कहा मैने,  
जाना कैसे तुमने ?
जो अव्यक्त है …… 

सब तो !!
सोचने ही लगे ?
भक्ति जो भक्त है ,
जान गए सब 
बिखरे हुए ?
ही विभक्त हैं……… 

अब तो !! 
कोई कैसे जाने ?
जो शक्त है ,
कोई दूर चला जाए ?
मन उसके साथ ,
चला जाये ?
बन अशक्त है....... 

छोड़ दो 
माया ममता मोह ?
यहाँ वहाँ जो रत है 
पर कैसे ?
कोई न छोड़ पाये 
मन कर मना ?
बन विरक्त है  ,,,,,,,,''तनु ''

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