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Friday, August 31, 2018

मत करना ये भूल !

अंकुर था सींचा नहीं,   की यह कैसी भूल !
सूख गया हैं गात जब,  क्या सींचे रे  मूल !!

रोय रही रजनी बेचारी, खोय गया मान है !
आ गया बादलों का उत्सव, लो गर्जन गान है !!
बिजुरी की चमक डराय रही , करे पवन आघात , ,,
नींद सितारों की खोय गयी , कैसा व्यवधान है !!... ''तनु''


निर्दय होकर तोड़ना, मत करना ये भूल !
 शोभित होते डाल पर,   रंग बिरंगे फूल  !!

अफवाहें तो झूठ है,       और सभी निर्मूल !
करके विश्वास इनपर, मत करना यह भूल !!

अच्छी बात है अच्छी,   बुरी बात है शूल !
चुभे शूल तो दर्द है, मत करना यह भूल !!

अंकुर सँवार लीजिये,  बाकी सब निर्मूल !                      
पात फूल पर जल नहीं, सीँचा जाता मूल !!.. ''तनु''

जीवन अपना खतरे में है , करें सभी उपचार !


जीवन अपना खतरे में है ,
करें सभी उपचार ! 
धरती अपनी धधक रही है, 
मचता हाहाकार !!

जीवनदायिनी हवा बिगड़ी , 
चली मौत की ओर !
जहरीली गैसें हैं फैली , 
हम सबके चहुँओर ! 
सुबके सुबक कर सृष्टि चाहे , 
प्यारा सा व्यवहार .!!... जीवन अपना खतरे में है 

ओज़ोन परत टूटी जाए 
टूटी जीवन आस 
ईंधन के अतिशय प्रयोग से, 
बिगड़ा सकल विकास !
कई जीव तो नष्ट हो गये,
कई हुए तैयार !! ... जीवन अपना खतरे में है 

ट्रेफिक नियमों को अपनाये,
सुंदर जीवन भोग !
हरित क्रांति औ श्वेत क्रांति भी , 
अपना करके योग !
स्वर्ग से सुन्दर मधु है जीवन, 
करना तनिक विचार !!... जीवन अपना खतरे में है 

तेल बचाये जीवन पायें, 
फैलाकर हर ज्ञान !
संसाधन संग जल बचायें ,
रखना होगा ध्यान !
धरती अपनी माँ समान है ,
सुंदर दें आकार !!...  जीवन अपना खतरे में है 

सूखा है तो कहीं बाढ़ है, 
सूरज खोये छाँव !
शीतल भीनी पवन खो गयी, 
जले पेड़ के पाँव !
बंजर धरती बने बिछौना ,
खोना ना संसार !!... जीवन अपना खतरे में है। . ''तनु''

Wednesday, August 29, 2018

क्रोध

क्रोध दुश्मन इंसा का,  सब कुछ करे तबाह !
चुप रह कर सह जाइये, करता मौन निबाह !!

 क्रोध करें ये हक नहीं,  अगर सही हैं आप !
क्रोधित हों ये हक नहीं,अगर गलत हैं आप !!

मन से ज्यादह ये चले, कड़वी होय जुबान !
खो जाता है क्रोध में,    बुद्धिमान गुणवान !!

 काम करके थके नहीं , क्रोध करे थक जाय ! 
 जब सिंहासन क्रोध है ,   बुद्धि भ्रष्ट हो जाय !! 

बढ़ाये गलतफहमियाँ, रिश्तों में विष घोल !
क्रोध चढ़े जब नाक पर, कड़वे होते बोल !!

क्रोध को जब हराइये,  कुछ क्षण रहिये मौन !
खुद-ब-खुद चला जायगा, फिर बातें हैं गौण !!

मूरख प्रकटे क्रोध को,    बुद्धिमान है मौन!
शांत चित्त वश में रहे,  बुद्धिमान सम कौन!!

मन की पीड़ा आप तो,  कह सकता न अबोध !
जो कह सके न बात को,  उसको आता क्रोध!!

ख़ुद को  देता है सजा ,  जाने ना परिणाम! 
क्रोधी मानुष का सदा,   बुरा हुआ अंजाम !!

व्यक्ति की कमजोर कड़ी, गन्दी आदत क्रोध !
खो जाता है मान भी,       नियंत्रण का न बोध !!

अपने दिल की ना कहे,    जी दूजे का खाय !
जिद अपनी ही करके,   जुबाँ बुरी कर जाय !!

क्रोधित के व्यवहार का,  होगा क्या परिणाम ?
बुद्धिमान या बुद्धू हो,     हुआ बुरा अंजाम !!... ''तनु'' 

दिलों में सबके भाव भर दो



दिलों में सबके भाव भर दो और अटल विश्वास भरो,  
भारत माँ के वीर सपूतों  कण्ठ-कण्ठ में राग भरो !

विपदाओं से मत घबराओ नहीं झुकाओ तुम खुद को,
जो विपरीत हवाएँ फिर भी कदम बढ़ाओ नहीं टरो !

जायेंगे सब जो थे आये,कल जो था कल बीत गया,
हम भी होंगे नही यहाँ कल, हारो मत तुम नहीं डरो !

टाले से न मौत है टलती, काम टालते क्यों रहना,
इच्छा शक्ति द्विगुणित रखकर, सभी परीक्षा पार करो !!

शाम ढलती सूरज छिपेगा, गहन अँधेरा है भारी, 
आँधी में भी दीप जलाओ, कपटी तमस को तुम हरो !!

आजादी के दिन झण्डे को, नभ से ऊपर लहराओ, 
ऊँचा रहे तिरंगा अपना, जय जय मंगल गान करो !!... ''तनु''

Tuesday, August 28, 2018

फूल कहाँ हूँ मैं अरी,

फूल कहाँ हूँ मैं अरी,  रही अगन की खान !
पास आयी अगर कहीं ,   खो जायेगी जान !!  
खो जायेगी जान,        प्रीत ना मुझसे कर तू , ,, 
चल मत अब इस राह, अभी बेमौत न मर तू 
कितनी है मासूम ,          तेरी कैसी है भूल !
मैं हूँ ज्वाल कराल,     तू समझ रही है फूल !!... ''तनु''

चीर नभ को छू गयी है,

चीर नभ को छू गयी है, इक निराली बेल,
गात कोमल हरित पर्णा,  खेलती है खेल ! 
धूप आयी पर न आयी,   मन छुपाये मैल , ,,
उड़ रही है बदलियाँ भी,  देख रेलमपेल !!... ''तनु''

Monday, August 27, 2018

माँ संग नाता बंधा , हम डाली के फूल !


माँ संग नाता बंधा , हम डाली के फूल !
कभी मैं गयी दूर तो,  तुम मत जाना भूल !!
चाहे कितनी दूर तू ,  दिल के बिलकुल पास !
हम महकते डाल रहें, मात पिता हैं मूल !!... ''तनु''

माँ संग नाता बंधा , हम डाली के फूल !
कभी मैं गयी दूर तो,  तुम मत जाना भूल !!
मैं कितनी भी दूर हूँ ,  दिल के तेरे पास !
हम महकते डाल रहें, मात पिता हैं मूल !!... ''तनु''

Sunday, August 26, 2018

धागा कच्चा रेशमी

धागा कच्चा रेशमी,      बंधन है मजबूत !
नयन नीर छलके यहाँ,  निश्छल नेह अकूत !!

माँ संग नाता बंधा , हम डाली के फूल !
कभी मैं गयी दूर तो,  तुम मत जाना भूल !!

चाहे कितनी दूर तू ,  दिल के बिलकुल पास !
माँ बाबा की लाड़ली, मिलने की है आस !!... ''तनु''


जो मिला तुझसे वो आसमान रहा हूँ मैं !

जो मिला तुझसे वो आसमान रहा हूँ मैं !
ऐ हक़ीकते इश्क़ तेरा अरमान रहा हूँ मैं !!   

देख ले अगर पाँव के छाले ये कटे पंख !
बाज़ुओं में दम मगर अहज़ान रहा हूँ मैं !!

तल्ख़ लहजे की ग़ज़लें तुझको न भायेंगी !
चीखता चिल्लाता बहुत बदनाम रहा हूँ मैं !!

लकड़ियां गीली कभी जली हैं जो जलेंगी ! 
अरमान मेरे जले कितना आसान रहा हूँ मैं !!

नज़रअंदाज़ मत करना बहारों मुझको !
गुलिस्तां में हवाओं का ईमान रहा हूँ मैं !!... 'तनु'

Thursday, August 23, 2018

आदमी आदमी कहाँ रहता !


आदमी आदमी कहाँ रहता !
आँख आगे धुंआ धुंआ रहता !! 

राज़ दिल का बयाँ नज़रों से है !
 फिर निहां भी कहाँ निहां रहता !!

शोर में भी सुना, बला कितनी ? 
कौन यूँ भीड़ में तन्हा रहता !!

चाँद आये  गिला नहीं रातों !
वो कब दिन का जहां रहता !!

घोल गया है रगों ज़ह्र कोई !
आदमी अब ख़ुदा कहाँ रहता !!... 'तनु'


Wednesday, August 22, 2018

कब कहाँ रौंदा हुआ हूँ !


कब कहाँ रौंदा हुआ हूँ !
सीधा कहाँ औंधा हुआ हूँ !!

हसरतें आँख से ग़ुम हुई !
और मांस का लौंदा हुआ हूँ !!

पाँवों पर पाँव हैं भीड़ के !
ज़लील और बोदा हुआ हूँ !!

आइये लेकर चलूँ आपको !
आसन बना हौदा हुआ हूँ !!

शोर कानों से पार हो चला !
बेसुरा बहुत भौंडा हुआ हूँ !!

आदमी या कि सामान हूँ !
ज़िंदा मगर धोंधा हुआ हूँ !!.. ''तनु''



Monday, August 20, 2018

छुपी सभी नाक़ामियाँ, परदे पीछे साँच !
कैसे पके ये खिचड़ी,  धीरे से बिन आँच !!... ''तनु''

वह तो बिन थके चलता,दौड़ बुलाता भोर!
कौन कह सकता रवि को, आलसी कामचोर!!

 वह तो बिन थके चलता,दौड़ बुलाता भोर!
चुपचाप सब काम करे,बिना मचाये शोर !!

देखो जीवन काम का, बनो ना कामचोर!
सारे करते चाकरी, तब ही होती भोर !

धरती का गात सिमटा,फैल गये हैं लोग!
पेड़ों जमी धूल सहे, साँस साँस में रोग!!**"तनु" 

जिंदगी छोटी सी अपना कोई उसूल तो रखना,
सफ़र लम्बा बहुत है कुछ सामान फज़ूल तो रखना!
बोझ कोई भी हो गुनाहों का बोझ कभी ना हो, ,,
बेख़ौफ़ चलने के लिये कोई रसूल तो रखना!!---"तनु"

सोने के समय जगते, उगते सूरज  सोय!
पीर बहुत सी पालते, काया माया खोय

 तुम मीठी सी मुस्कान धरो,
जगत के समस्त सुख को वरो!
जो सकल विश्व को मोह चली, ,
ओ रे नन्हे तुम हँसते ही रहो!!

 तुम मीठी सी मुस्कान धरो,
जगत के समस्त सुख को वरो!
जो सकल विश्व को मोह चली, ,
ओ रे नन्हों तुम हँसते ही रहो!!

तुम मीठी सी मुस्कान धरो,
जगत के समस्त सुख को वरो!
जो सकल विश्व को मोह चली, ,
गुणवान बनों निखरते रहो!!


हौले हौले चाँदनी,सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!"तनु"

खाली गगरी मेघ की, फूल गये हैं कास!
मुड़ कर देखे न बदरा, है ऐसा आभास!!
खाली करके मेघ को, खिलती जाती कास!
तेरे बिन जी लूँ कहे , ,,बिन जल की मैं घास!! ***तनु

 कास खिली बरखा गयी,धरती धारे धीर!
बादल बरसे उड़ गये, ऐसी सुखमय पीर!!***"तनु

जाना नदिया पार हो, इक ही साधन नाव!
और बैकुंठ जाइये, मनवा सत ले चाव!

इक ही साधन नाव है, जाना नदिया पार!
सत्यपालना कीजिये ,हो जाएं भव पार !!

हरित तृणों की नोक पर,श्वेत पुष्प संसार!
हँसती संग बयार के,ये कास की बहार !

बरखा अब तू लौट जा, काहे करती रार !
कास विदाई दे रहे,झूम झूम हर बार!!*** "तनु"

कच्चे फल क्यों तोड़ना, वे तो हैं रसहीन !
बीज को क्यों नष्ट करे, हो कर के मति हीन !!** "तनु"

कच्चे फल मत तोड़िये,वे होते रसहीन!
बीज को भी नष्ट करे,काहे को मति हीन !!** "तनु"

कच्चे फल मत तोड़िये,वे होते रसहीन!
बीज को भी नष्ट करे,काहे तू मति हीन !!** "तनु

 कास तो एक घास है,उगती बारिश बाद ! 
श्वेत पुष्प की चाह में ,   होती है आबाद!! ... ''तनु''

Sunday, August 19, 2018

परम उपहार ईश का , हमारा प्रिय विशेष !
पावन प्यारा जीव था ,    यादें उसकी  शेष !!... ''तनु'' 

Saturday, August 18, 2018

सफर आसां कहाँ था

सफर आसां कहाँ था मैं डगर को छोड़ आयी हूँ !
कभी जो सींचती थी उस नज़र को छोड़ आयी हूँ !!

पस्त लाचार हूँ ग़मगीनियाँ भी सर से पैरों तक !
कहीं जाऊँ न हार डर से समर को छोड़ आयी हूँ !!

सबा मुझको मिली थी बिछड़ कर रूठी कहाँ जाने !
लुभाती जो कभी थी उस सहर को छोड़ आयी हूँ !!

शुबह था बे -नियाज़ी भी उसी सैयाद की ही थी !
जहाँ होता परिन्दों का शजर को छोड आयी हूँ !!

किसी खुलते झरोखे की आँख में डर का साया !
दहशतें इतनी बलवों की शहर को छोड़ आयी हूँ !!

कब ढहेंगी दहशतें और कब जलेंगे बुझे दीये !
इबादत की राह मैं जलते शरर को छोड़ आयी हूँ !!

कहोगे जब, चली आओ 'तनु', निगाहें राह हैं तकती !
तुम सदा देना बहारों मैं असर को छोड आयी हूँ !!... ''तनु''


Thursday, August 9, 2018

जहाँ धर्म के नाम पर,

 जहाँ धर्म के नाम पर,    सिर्फ दिखावा शोर !
 भीड़ बना कर चल पड़े , कावड़िये चहुँ ओर !!          
 कावड़िये चहुँ ओर,  चलिए जब धाम शिव के,
 छोड़ कर वैर भाव,    करिये बात हिलमिल के, 
 जब कावड़ हो गंग ,   जग होता योगी यहाँ !  
 लाना मत मन पाप,    धर्म यात्रा चले जहाँ !! ... ''तनु''

आजकल सब शिवमय हैं

आजकल सब शिवमय हैं ,  जगह जगह है बंद ,
चल पड़े हैं कावड़िये ,         सबकी घिघ्घी बंध !
सबकी घिघ्घी बंध ,         और रहा बम बोल है !!   
चलायमान सैलाब ,          धार्मिक भाव गोल है , 
कैसा ये आतंक ,            कैसे  भक्त आजकल ??
कैसा है शिव धाम ,        ये कावड़िये आजकल !!.. ''तनु''


Wednesday, August 8, 2018

जीते जी मत माँगिये

जीते जी मत माँगिये, मरने की सौगात !
भटकी आत्माएँ भी,   ढूँढे नवल प्रभात !!

दुआ हमेशा कीजिये,  इसमें बसते प्राण !
प्राण रहे जीवन रहे,      जीवंत है प्रमाण !!... ''तनु''

फिगर, दमकता चेहरा,

 फिगर, दमकता चेहरा, सुंदरता पैमान !
 अश्लीलता परोसना, बस उनका अरमान !!

बस उनका अरमान, रहो अस्मत से खेलते ,
कितनी पिछड़ी सोच,  कि बंधुआ से पेलते !

बहुत ही वाहियात,      डरते नहीं बड़े निडर !
वहीं नज़र टिक जाय, दमकता चेहरा,  फिगर !!... ''तनु''

Tuesday, August 7, 2018

नारी तू नारायणी

नारी तू  नारायणी,          पूजें तुझको देव !
चुन ले राह तू अपनी, कदम बढ़ा स्वयमेव !!
कदम बढ़ा स्वयमेव, फिर पीछे मत लौटना !
बुरी बात को छोड़,        अच्छी बातें ओटना !!
झूठा करके मान,        कभी मत खाना गारी ! 
देह दिखावा छोड़,            तू नारायणी नारी !!... ''तनु''
             

नज़्म है खूबसूरत सी

कोई तोहमत नहीं जो तेरे नाम लगा दूँ मैं
कई गुलाब से छिपे हैं तेरे मन की खुशबू में।

तेरी याद में आज मैंने एक कहानी बुन ली  , ,,,
नज़्म है खूबसूरत सी तू कहे तो सुना दूँ मैं . ''तनु''

नारी तुम अबला नहीं,

नारी तू अबला नहीं,   जीवन मत यूँ हार ! 
माँ बन कर जीवन दिया, दिये सभी उपहार !!
दिये सभी उपहार, सँवार घर-बार नर का ,        
तुझको पूजें देव,       लेते आशीष दर का !! 
मानो सब उपकार, सृष्टि की रचना न्यारी !
है सबकी तकदीर,  जिसे सब कहते नारी !!... ''तनु''

कोई तोहमत नहीं जो तेरे नाम लगा दूँ मैं
कई गुलाब से छिपे तेरे मन की खुशबू में। . ''तनु''

Monday, August 6, 2018

श्याम प्रीत

श्याम प्रीत की डोर में,  उलझा लेना हाथ !
तेरा मेरा अब रहा,     जन्म जन्म का साथ !!

मेरी प्रीत में उलझी , श्यामल सी मुस्कान !
अधरों पर थी बाँसुरी ,      छेड़े मीठी तान !!... ''तनु''

Saturday, August 4, 2018

जोड़े हैं अनुबंध !

प्रीत निभा जीवन में, जोड़े हैं अनुबंध !
  देख अबके सावन भी,  तोड़े हैं प्रतिबंध !!
     तोड़े हैं प्रतिबंध,  जगाऊँ हरियाली को,  
       लगा नित मोरपंख, सजाऊँ वनमाली को !
          फूलों का मकरंद ले गाऊँ मधुमय गीत !
            तू हिरदे रख धीर और मैं निभाऊँ प्रीत !!... ''तनु''

मैं जितनी मुस्कान बखेरता हूँ !


चोटियाँ कहती जलती वादी है !
बात सबके लिए बड़ी सादी है !!

मैं जितनी मुस्कान बखेरता हूँ !
मेरे अंदर उतनी ही बर्बादी है !!

ग़मों से मैं भी मर न जाऊँगा !
 नाखुश रहूँ  इतनी नाराजी है !!

ज़रा ज़रा से दाग़ हैं दिल पर !
फिर कहीं थोड़ी नाइंसाफ़ी है !!

समझता ही नहीं कोई किसी को !
हर कदम पे नाइत्तफ़ाक़ी है !!

इक गोशा मैंने अपने लिये रखा !
कहते हैं,   की ''तनु'' गुस्ताख़ी है !!... ''तनु''

Friday, August 3, 2018

मनवा अब बाँचन लगा,


बूँदों संग नाच रहा,  सगरों का संसार !
बूँद नहीं जीवन नहीं, हँसे न कोई यार !!

 तपन में बाल वृद्ध को,  शीतलता की चाह !
 जब सावन बूँदे पड़े,       शीतल ठंढ़ी छाँह!!

 एक ख़ुशी की चाह है,  छप छप करलूँ नाच !
 मनवा अब बाँचन लगा,   जीवन का यह साँच !!... ''तनु''

Thursday, August 2, 2018

पिघला जाये आसमा

आज गगन ने थाल में,  बादल दिये परोस !
सूरज जी की त्योरियाँ, रह गयी मन मसोस !!
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास, ,,
पिघला जाये आसमा,     चाहे कितना ठोस !!.. ''तनु''

विरह वेदना कह रही

विरह वेदना कह रही, सजन नहीं है पास !
पवन की अंगड़ाइयाँ,   बूँदों  का परिहास !
डरे जिया कल ना पड़े,  बहे नयन भी नीर, ...
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''
                              

आज गगन ने थाल में


आज गगन ने थाल में,   बादल दिये परोस !
सूरज की नादानियाँ,   रह गयी मन मसोस !!

आज गगन ने थाल में,  बादल दिये परोस !
मंद मंद डोले पवन,   उड़ती कितने कोस !!

आज गगन ने थाल में,  बादल दिये परोस !
मंद मंद खेले पवन,       देखे नहीं पड़ोस !!

आज गगन के थाल में, बादल करते रोष !
बिजुरी को संग लेकर,   करते हैं उद्घोष !!

पवन की अंगड़ाइयाँ,   बूँदों  का परिहास !
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''

सावन आया झूल ले

सावन आया झूल ले ,  छोड़ दुखों की डोर !
ऊँची ऊँची पींग ले ,    आसमान की ओर !!  

अँगना में झूले डले ,    सावन का है शोर !
ओढ़ नवेली गा रही,     प्रेम प्रीत की सोर !!... ''तनु''

बहुमंजिला इमारतें ,

बहुमंजिला इमारतें , संग लिफ्ट के झूल !
हुए पेड़ गायब जहाँ,  आँगन भी जा भूल !!

बाढ़ ले सावन सहता, बहते मानव ढोर !
जब बगीचा नहीं रहा,  क्या गायेंगे मोर !!

जाय कहाँ हम झूलने,  ख़तम हुए रिवाज !

मददगार ही लूटता,    खोय गयी परवाज !!.. ''तनु''

प्रेम हिंडोल झूल लूँ ,  पाऊँ हिय अनुराग !
ये मनमोहा  मोहना, श्याम हमारा भाग !!

Wednesday, August 1, 2018

नीम तले झूला नहीं,

नीम तले झूला नहीं,  टूट गयी है डोर !
सखियाँ हैं ससुराल में , दूर गए चित चोर !!

हिय में चुभती फाँस है, नीति की नहीं डोर !
कौन झुलाये झूलना,   नहीं किसी पर जोर !!

नहीं झूलना साँच का,  नहीं प्रीत की डोर !
कैसे मैं झूलूँ  सखी,      भूले नंदकिशोर !!.. ''तनु''
प्यारी तूँ नारायणी, म्हारा मन ने मोह !
लेखन में माँ शारदे, कदी विछोह न होय !!... ''तनु''