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Thursday, August 2, 2018

विरह वेदना कह रही

विरह वेदना कह रही, सजन नहीं है पास !
पवन की अंगड़ाइयाँ,   बूँदों  का परिहास !
डरे जिया कल ना पड़े,  बहे नयन भी नीर, ...
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''
                              

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