नीम तले झूला नहीं, टूट गयी है डोर !
सखियाँ हैं ससुराल में , दूर गए चित चोर !!
सखियाँ हैं ससुराल में , दूर गए चित चोर !!
हिय में चुभती फाँस है, नीति की नहीं डोर !
कौन झुलाये झूलना, नहीं किसी पर जोर !!
नहीं झूलना साँच का, नहीं प्रीत की डोर !
कैसे मैं झूलूँ सखी, भूले नंदकिशोर !!.. ''तनु''
कौन झुलाये झूलना, नहीं किसी पर जोर !!
नहीं झूलना साँच का, नहीं प्रीत की डोर !
कैसे मैं झूलूँ सखी, भूले नंदकिशोर !!.. ''तनु''
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