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Friday, August 3, 2018

मनवा अब बाँचन लगा,


बूँदों संग नाच रहा,  सगरों का संसार !
बूँद नहीं जीवन नहीं, हँसे न कोई यार !!

 तपन में बाल वृद्ध को,  शीतलता की चाह !
 जब सावन बूँदे पड़े,       शीतल ठंढ़ी छाँह!!

 एक ख़ुशी की चाह है,  छप छप करलूँ नाच !
 मनवा अब बाँचन लगा,   जीवन का यह साँच !!... ''तनु''

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