आज गगन ने थाल में, बादल दिये परोस !
सूरज की नादानियाँ, रह गयी मन मसोस !!
आज गगन ने थाल में, बादल दिये परोस !
मंद मंद डोले पवन, उड़ती कितने कोस !!
आज गगन ने थाल में, बादल दिये परोस !
मंद मंद खेले पवन, देखे नहीं पड़ोस !!
आज गगन के थाल में, बादल करते रोष !
बिजुरी को संग लेकर, करते हैं उद्घोष !!
पवन की अंगड़ाइयाँ, बूँदों का परिहास !
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''
पवन की अंगड़ाइयाँ, बूँदों का परिहास !
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''
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