Labels

Thursday, August 2, 2018

आज गगन ने थाल में


आज गगन ने थाल में,   बादल दिये परोस !
सूरज की नादानियाँ,   रह गयी मन मसोस !!

आज गगन ने थाल में,  बादल दिये परोस !
मंद मंद डोले पवन,   उड़ती कितने कोस !!

आज गगन ने थाल में,  बादल दिये परोस !
मंद मंद खेले पवन,       देखे नहीं पड़ोस !!

आज गगन के थाल में, बादल करते रोष !
बिजुरी को संग लेकर,   करते हैं उद्घोष !!

पवन की अंगड़ाइयाँ,   बूँदों  का परिहास !
बिजुरी की मनमानियाँ, जलद का अट्टहास !!... ''तनु''

No comments:

Post a Comment