नींद खोयी दर्द पाया दिल टूट गये अरमान से ;
सूझे ना राह मंज़िल मुश्किल बनी बेईमान से !
कौन आसी कौन है पुर-खता, ए दिल बोल दे ;
सच कहूँ मैं सारे बन्दे खुदा के हैं ईमान से !
बेइमानों की दुनिया में ईमान ने उठाया दर्द ;
आब-ओ-दाना उठ गया है दीन का ईमान से !
कोई पाकर खुश था किसी काअपना खो गया ;
कौन रुक पाया सभी खाकसार गए गैहान से !
तुझसे उल्फत हूँ निभाता बा-वफ़ा या बे-वफ़ा ;
कौन बोलो क्यों डरेगा अब किसी फरमान से !...तनुजा ''तनु ''
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