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Kaavya
Tuesday, November 1, 2016
अभी
गुमसुम
नहीं बैठो, जरुरत है बधाई की !
जलाकर प्रेम का दीपक,
निभाना प्रीत भाई की !!
मिन्नतों से, बरस इक बाद
भाई
दूज आई है , ,,,
चले आओ सहोदर तुम, कसम तुम्हे गु
साईं
की !!,...''तनु ''
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