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Sunday, November 13, 2016

बच्चे मन के सच्चे ,,...

उन दिनों वर्षाजनित रोगों की भरमार थी। बच्चे त्रस्त थे। माता पिता भी बपने बच्चों का विशेष ख़याल रख रहे थे। मैंने अपने बेटे से कहा जो उन दिनों कक्षा पहली  में पढ़ रहा था , ..मैं जो आपको उबला पानी बॉटल में देती हूँ वही पीना ,  स्कूल का और किसी की बॉटल का पानी मत पीना समझा न। .. उसने पूछा -मम्मी क्या हो जाएगा मैंने पी लिया तो ? मैंने कहा ,, कई बीमारियां बेटा जो गंदे पानी से हो जाती हैं ,,. उसने पूछा -जैसे मम्मी ? जैसे पीलिया बेटा, मैंने कहा, ... पीलिया में क्या होता है मम्मी ? उसने फिर पूछा ,  मैंने कहा इस बीमारी में बच्चे पीले हो जाते हैं यानि पीले दिखते हैं ,,.. हाँ मम्मी मैं अपनी बॉटल का ही पानी पिऊँगा ,.. और वो स्कूल चला गया ,,  दोपहर में जब वो स्कूल  से लौटा तो बड़ा खुश आते ही सबसे पहले कहता है ,. ममा आपको चिंता करने की जरुरत नहीं ,,.मेरी क्लास में कुछ बच्चे गोरे हैं कुछ बच्चे काले हैं पर पीला बच्चा कोई नहीं ,,''तनु ''

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