कौन फिर आज सदा दे रहा है मुझे ;
वो इक इक पल दुआ दे रहा है मुझे !
दिल ही में नहीं बाकी अज़मत-ए-वजूद ;
वो कतरा कतरा दरिया दे रहा है मुझे !
लम्हे खुशियों के हैं फिज़ा में बहार है ;
कितनी हसीं वो दुनिया दे रहा है मुझे !
डर की राहों में है सुकून मुझको नहीं ;
वो इत्मीनान से गुलशन दे रहा है मुझे !
अदब से चल रहा हूँ कि मुझे नाज़ है ;
नाचीज़ अदीब हूँ दुनिया दे रहा है मुझे !.. तनुजा ''तनु ''
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