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Thursday, November 17, 2016


कैसे कह दूँ बात मैं  ,  छुपे नहीं जज्बात  !
नैनों को मैं मीच लूँ ,  कहीं करदे न घात  !!
छुपती है हर बात ना , खुली ढोल की पोल , ... .
कान यहाँ दीवार के , घर घर पहुँची बात .  तनुजा ''तनु ''

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