तुम्हारे प्यार के मौसम जाकर नहीं आये ;
इन्तजार करती रही तुम जाकर नहीं आये !
समझेगा कौन मेरे दर्द भरे आँसुओं को ;
बेनसीबी मेरी रही तुम जाकर नहीं आये !
दावतें सारी साथ तुम्हारे थी खुशियों की
आ गये बुरे ज़माने तुम जाकर नहीं आये !!
हमेशा से रौनकें ऐसी ही थी जमाने की ;
चले जो गए जहाँ से वो जाकर नहीं आये !!
कभी बुत कभी इंसा में कभी रहता जर्रे में ;
सभी रंग गए उस नूर में जाकर नहीं आये !!
इस बियाबां में काफिले कहाँ रुक पायेंगें ;
ले के चल दिए सुकूँ वो जाकर नहीं आये !!... तनुजा ''तनु ''
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