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Tuesday, November 8, 2016
कुमकुम नभ ढुरकाय के, पहन सिंदूरी ताज;
कलरव गीत सुनाय के, पवन बजाये साज !
पवन बजाये साज , धीमे धीमे डोलती !
सरगम की आवाज़, रवि किरण नयन खोलती !!
हिमकणों को उड़ाय, हँसते हैं पल्लव द्रुम;
नमामि आदित्याय नभ बिखेर रहा कुमकुम !! .... ''तनु''
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