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Monday, November 7, 2016



शायद


बात बनेगी नहीं अभी शायद ;
वो अदा है नहीं अभी शायद !

मोहब्बत से बचकर कहाँ जाऊँ ;
साहिल मिला नहीं अभी शायद !

अपनी तन्हाई की बात करने दे ;
वो मसरूफ नहीं अभी शायद !

वो कहते मैं प्यार के काबिल नहीं ;
नाज-ओ-अंदाज़ नहीं अभी शायद !

सितम ये , वो मुक़ाबिल है मेरे ;
राज़ कोई  नहीं अभी शायद !

कामिल नहीं जज़्बा-ए -शौक अभी ;
कोई आरजू नहीं अभी शायद !

बिजलियाँ आशियाने पे कड़की ; 
टूट कर ज़र्रा नहीं अभी शायद !, ...तनुजा ''तनु ''


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