आँधियाँ तड़पा गयीं जो कहर के साथ में ;
बीत जाता है बहुत, हर बशर के साथ मे !
राहतों में प्यार भी, मुश्किलों में हार भी ;
बदलते हैं मरहले हर सफर के साथ में !
प्यार गैरों ने किया धोखा अपनों से मिला ;
देखते है अपनों को पराई नज़र के साथ में !
प्यार गैरों ने किया धोखा अपनों से मिला ;
देखते है अपनों को पराई नज़र के साथ में !
कौन है पाक दिल कहाँ बंदगी उसकी रही ;
ख़ौफ़-ए-जहन्नुम रहा कितने डर के साथ में !
तू कहाँ है और तेरा कहाँ ठिकाना बता ;
गुजर जाऊँगा तेरी रह - गुजर के साथ में !
तू कहाँ है और तेरा कहाँ ठिकाना बता ;
गुजर जाऊँगा तेरी रह - गुजर के साथ में !
जनम कोई भी रहे जिंदगी तो होगी यही ;
हम भी जाएँगे इसी दर्द-ए-सर के साथ में !
चाहिए खुश-बू तनु प्यार गुंचों से करते चलो ;
चहक भोली है हरियाये शजर के साथ में !..... तनुजा ''तनु ''
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