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Saturday, November 26, 2016


समय दोहे 


प्रात समय की लालिमा, पंछी कलरव गूँज !
मेरे मन को मोहती ,    बन जाये अनुगूँज !!

आई वेला साँझ  की ,       ना पंछी ना गान !  
जीव सूना मीत बिना, तिलतिल घटते प्राण !!

मंदिर मस्जिद शोभते, राम और रहमान !
काल गाल से मनु बचे,   बन जाएँ इंसान !!

देव दुंदुभि बजे नहीं ,     रूठे हैं सब साज !
काल विकराल आ खड़ा, लाठी बे-आवाज !!

समय पत्री है ओस सी ,  कैसी सुन्दर होय !
धूप मेह सभी सहे,       देखत ओझल होय !!

बाल बाल की चूक से ,  खुशियों का इजहार !
पल पल की नादानियाँ ,  करे विषम व्यवहार !!

देख अमीरी समय की,  पूछे तेरी जात !
ईश्वर तो तू है नहीं,    तेरी बात न बात !!

देवदुंदुभि बाज रही ,  लागे सुखद अज़ान !
राम रहीम दोय सुने,    भूल गये पल भान !!.... तनुजा ''तनु''

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