सजन बिन रोना रुलाना और ही था ;
सपन आँखों में बुलाना और ही था !
लगी ललक हर जा वही नज़र आया ;
मिलन की चाह अकुलाना और ही था !
पलाश रक्तिम हुए रवि शिखर छाया ;
सुन पिक बैन मन लजाना और ही था !
बजी बाँसुरी हृदय बैन कहे नैना ;
सत्व सजना को सुनाना और ही था !
मदिर मधु बरसा गयी प्रीत मधुबाला ;
नयन से मदिरा पिलाना और ही था !
पुलकित होकर बज रहा हृदय बाजा ;
तेरे सुर से सुर मिलाना और ही था !...तनुजा ''तनु''
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