माँ आई द्वार
पद युगल ले कुमकुम के, छाप लिये हरबार ;
पैंजनि कंकण करधनी, कर सोलह सिंगार !
कर सोलह सिंगार , माँ की मूरति मोहिनी , ,,
करे पाप संहार , सिंह सवार सुख दायिनी !!
मन कलुष भीति हार, जीत कर पा जाऊँ कद !
जीवन का ये सार , पूजूँ तेरे युगल पद !!... तनुजा ''तनु ''
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