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Tuesday, July 17, 2018

सूखे ने घेर पहले,


सूखे ने घेर पहले,       भेजी फिर है बाढ़ !
फोड़ ठीकरा भाग का, दुबले को आषाढ़ !!

दुबले को आषाढ़,   दे दिया कर्म हवाला !.
किसान है बर्बाद,   छीना मुख का निवाला !!

सबका भरते पेट,    रहें किसान क्यों भूखे !
शासन है निश्चेत ,   मेघ ज्यों जल बिन सूखे !!.. ''तनु''

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