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Friday, July 27, 2018

डाली डूबी प्यार में,

 मेरी बूढ़ी लालसा , आएँ पल्लव फूल !
निहार सूखे ठूँठ को,  हिय में उठते शूल !!

डाली डूबी प्यार में,          झूम रहे हैं फूल !
रुत जब पतझड़ लायगी, झरते पल्लव शूल !!

 पुष्प अभी फुनगी खिला, जीवन में अनुराग !
आज चहक रही चिड़िया, कल खो जाए राग !! ... ''तनु''


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