मेरी बूढ़ी लालसा , आएँ पल्लव फूल !
निहार सूखे ठूँठ को, हिय में उठते शूल !!
डाली डूबी प्यार में, झूम रहे हैं फूल !
रुत जब पतझड़ लायगी, झरते पल्लव शूल !!
पुष्प अभी फुनगी खिला, जीवन में अनुराग !
आज चहक रही चिड़िया, कल खो जाए राग !! ... ''तनु''
निहार सूखे ठूँठ को, हिय में उठते शूल !!
डाली डूबी प्यार में, झूम रहे हैं फूल !
रुत जब पतझड़ लायगी, झरते पल्लव शूल !!
पुष्प अभी फुनगी खिला, जीवन में अनुराग !
आज चहक रही चिड़िया, कल खो जाए राग !! ... ''तनु''
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