चौमासा बरसन लगा, भीगा सब संसार !
धुली धुली है डालियाँ, गुंचों में मल्हार !!
बूँदन में नभ बरसे, सपन हुए साकार !
प्रीत में नहाई कली , भीगा सब संसार !!
गुरु की भक्ति सदा भली, सुंदरतम उपहार !
गुरु महिमा में डूबकर, भीगा सब संसार !!
भीगा वन भीगी कली , भीगा सब संसार !
खो गए सारे भँवरे , कैसा ये उपहार !!
भीगा सब संसार है , शीतलता है मीत !
बरखा की बूँदें भली, सदा निभाए प्रीत !! ... ''तनु''
No comments:
Post a Comment