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Wednesday, July 11, 2018

सपने दरिया से दूर हैं, देखी नहीं बहार !

सपने नयनों से दूर हैं,  देखी नहीं बहार !
मरीचिका सी जिंदगी, भोजन भी दुश्वार !!
उगाता दिन मौत का,  सूरज करता घात, ,,,
रोती जाती साँझ भी,  जीवन है बस रार !!... ''तनु'' 

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