पंछी नदिया बादली, कहता बहकर पौन !
मानवता को छोड़कर, सारी बातें गौण !!
सारी बातें गौण, ज़िद में अंधे हो गये , ,,
जाने कुछ अनजान, नयन मूँद कर सो गये !
झरने खो ना जाय, बजे न प्रीत की वंशी !
बचाकर कायनात , बचालो नदिया पंछी !! ... ''तनु''
मानवता को छोड़कर, सारी बातें गौण !!
सारी बातें गौण, ज़िद में अंधे हो गये , ,,
जाने कुछ अनजान, नयन मूँद कर सो गये !
झरने खो ना जाय, बजे न प्रीत की वंशी !
बचाकर कायनात , बचालो नदिया पंछी !! ... ''तनु''
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