कालजो जले रोट्यां जली जल्या भुज्या आज !
अब काईं काईं जले, डरी भाग्या रिंगणा राज !!
मर्चां झाल साग वणायो, पराठा रोया झींक्या ,
अकड़ी मीठी चीज वैग्या पकवान सब फीका !
खोय गयो रे सुवाद चटणी रगड़ी नाख्या तिल !
पड ग्यो जीव ने त्रास जदि जदि जल्यो यो दिल !!.
जलतां भुनतां रोट्यां मेली जीमो म्हारा राज !
आज तो कर दियो अबे करूँ नि घर रा काज !!
झूला पड्या आयी राखी पीरां जावे सगळी बेना
इत्ती सी बात सायबा, माँगू नी लत्ता गाँठा गेणा !!.. ''तनु''
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