पहले सूखा भेज के, भेजी फिर है बाढ़ !
फोड़ ठीकरा भाग का, दुबले को आषाढ़ !!
दुबले को आषाढ़, कर्म हवाला दे दिया !
फोड़ ठीकरा भाग का, दुबले को आषाढ़ !!
दुबले को आषाढ़, कर्म हवाला दे दिया !
किसान है बर्बाद, सुकून सभी छीन लिया !!
सबका भरते पेट, रहें किसान क्यों भूखे !
शासन है निश्चेत, मेघ ज्यों जल बिन सूखे !! .. ''तनु''
सबका भरते पेट, रहें किसान क्यों भूखे !
शासन है निश्चेत, मेघ ज्यों जल बिन सूखे !! .. ''तनु''
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