मन मैला है मेघ का, उपजा मन की प्यास,
बरसे बिन क्यों जा रहे, लगा नीर की आस !
लगा नीर की आस. पुकारे वन हरियाली;
तोड़ो अब उपवास, पुकारे चातक माली !!
गोरी देखे राह, पास इक ना धेला है ,
मीठी मन की चाह , मेघ का मन मैला है !! .. ''तनु''
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