Labels

Wednesday, July 4, 2018

मन मैला है

मन मैला है मेघ का,  उपजा मन की प्यास,

बरसे बिन क्यों जा रहे, लगा नीर की आस ! 

लगा नीर की आस.    पुकारे वन हरियाली; 

तोड़ो अब उपवास,      पुकारे चातक माली !!

गोरी देखे राह,  पास  इक ना  धेला है ,

मीठी मन की चाह , मेघ का मन मैला है !! .. ''तनु'' 

No comments:

Post a Comment