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Thursday, July 19, 2018

दिलजलों !!

दिलजले !! जली रोटियाँ, जले पकोड़ा आज !
कल बिरयानी जलेगी,         बैगन जाएँ भाज !!
बैगन जाएँ भाज ,           पराठे रोये झींके !
अकड़ी मीठी चीज़, पकवान सब हैं फीके !!
भजिया है बे-स्वाद, चाह मूँग कितनी दले   !
दिलजलों की गुहार, सुन लो !! लो फिर दिलजले  !!... ''तनु''

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