दिलजले !! जली रोटियाँ, जले पकोड़ा आज !
कल बिरयानी जलेगी, बैगन जाएँ भाज !!
बैगन जाएँ भाज , पराठे रोये झींके !
अकड़ी मीठी चीज़, पकवान सब हैं फीके !!
भजिया है बे-स्वाद, चाह मूँग कितनी दले !
दिलजलों की गुहार, सुन लो !! लो फिर दिलजले !!... ''तनु''
कल बिरयानी जलेगी, बैगन जाएँ भाज !!
बैगन जाएँ भाज , पराठे रोये झींके !
अकड़ी मीठी चीज़, पकवान सब हैं फीके !!
भजिया है बे-स्वाद, चाह मूँग कितनी दले !
दिलजलों की गुहार, सुन लो !! लो फिर दिलजले !!... ''तनु''
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