Labels

Monday, May 18, 2020

हर नार रही उस बंधन में ,

हर नार रही उस बंधन में ,
नर अंगुलि नाच नचावत है!
तन भी अब तो उस ओर चला,
जब डोर पिया बन जावत है!
कजरा, गजरा, सब है नकली,
जिन देख पिया ललचावत है, ,,
हम नाच रही पर प्राण नहीं ,
हम ही पुतली कहलावत है!!... ''तनु''

No comments:

Post a Comment