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Saturday, May 9, 2020

ममता हिय की हिय में न रही,

ममता हिय की हिय में न रही, सुत जाकर कंठ लगाय रही!
पुनि लाल लला कहते कहते, वह नन्दन को दुलराय रही!!
फिर काजर आँज दिया नयना, पग पैंजन भी पहनाय रही, ,,
सगरे जगके जन देख रहे,     जननी हर में  हरि गाय रही!!.... "तनु"

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