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Tuesday, May 26, 2020

मोबाइल से हो रहा, ईद मुबारकबाद !

मोबाइल से हो रहा, ईद मुबारकबाद !
मिटती कैसे दूरियाँ,  भूले सेवइ स्वाद !!

घर बैठे इबादत है, होकर के मजबूर !
दुआएँ दूर दूर से,   मजबूरी भरपूर !!

सलामत तुम जहाँ रहो,  ऐसी ही है दीद !
दुआ करूँगा मैं यही,  फिर आयेगी ईद !!

कितनी है मजबूरियाँ, ईद मिलन में आज !
घर में पढ़ी नमाज है, कौन सुने आवाज़ !!

छूटता रोज़गार है,       टूटे खरीददार !
ठंढा सा बाजार है,      सूने से त्यौहार !! 

अपने जीवन में कभी, देखा ऐसा काल !
कोरोना ने कर दिया, जीना अभी मुहाल !!

माना मैं इस साल में , कर ना पाया दीद !
कोरोना कारण बना,   सपने हुए शहीद !!

दरकिनार करके मिला,  मन के सारे चाव  !
सो गयी सारी खुशियाँ,   खोने लगते भाव !!... ''तनु''


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