''पुतली किरदार निभा सच के,
कहना न कथानक शायद के!
तुम तो कहना करनी अपनी,
मत झूठ कभी बहना मद के!!
तुम जान गयी इस जीवन में,
तप संयम की महिमा सगरी, ,,
निज का तप संयम छाँव बने,
तब धाम बने अँगना सुख के''!!... ''तनु ''
कहना न कथानक शायद के!
तुम तो कहना करनी अपनी,
मत झूठ कभी बहना मद के!!
तुम जान गयी इस जीवन में,
तप संयम की महिमा सगरी, ,,
निज का तप संयम छाँव बने,
तब धाम बने अँगना सुख के''!!... ''तनु ''
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