संभलना बिगड़ी हवा है आजकल !
दौर मुश्किल फैली वबा है आजकल !!
दौर मुश्किल फैली वबा है आजकल !!
उसकी फ़ितरत में थी दग़ाबाजियाँ !
खो गया सभी का भरोसा आजकल !!
घबराइये मत सामना भी कीजिये !
रहनुमा ही राहजन बना है आजकल !!
ये रजामंदी है आँधियाँ आती रहे !
दोस्त, तूफ़ां बन गया है आजकल !!
खाइयेगा क्या शफा की खातिर अब !
खाइयेगा क्या शफा की खातिर अब !
की जहर बन गया दवा है आजकल !!
कंधा, बाजू, पैर, गिरवी है पेट भी !
भूख पर लगती दफ़ा है आजकल !!... ''तनु''
कंधा, बाजू, पैर, गिरवी है पेट भी !
भूख पर लगती दफ़ा है आजकल !!... ''तनु''
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