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Tuesday, March 10, 2015


कसो है यो रंग सदा कायम नी रे हे ,
काँटो भी चुभी जावै तो लोई नी बे हे !
नयणा ने छुपाऊँ हूँ जो रोवै है लोई रा आँसू ,
कसो है यो ढंग जो कई ने भी नी के हे !.... 

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