दो सुखन
व्यापारी को राह नहीं
सुने बिना निबाह नहीं
.. दूकान
सर्दी में राहत नहीं
लबों पर लाली नहीं
…पान न था
कमल खिला नहीं
भ्रमर गया नहीं
दिन न था
व्यापारी को राह नहीं
सुने बिना निबाह नहीं
.. दूकान
सर्दी में राहत नहीं
लबों पर लाली नहीं
…पान न था
कमल खिला नहीं
भ्रमर गया नहीं
दिन न था
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