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Sunday, March 8, 2015


नारी की उपलब्धियाँ, जीवन में भरपूर !
उन्नत शिखर को छू रही, उड़ कर के पुरनूर !!
उड़ कर के पुरनूर, सदा स्व को पहचाना  !
नारी नहीं निराश , जीवन चुनौती जाना  !!
खुद के प्रयास से,  दूर हुईं विसंगतियाँ , 
रही कदम को चूमती, नारी की उपलब्धियाँ !!

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