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Sunday, March 8, 2015

तांका 

पिता/तात
तात स्नेह से 
सँवारते जिंदगी 
नन्हे कदम 
छा जाते धरा पर 
लिए पग उनके … 

2   तुम जैसा मैं 
कद कदम काठी 
व्यवहार से 
पाया जीवन नया 
पा मधुबन जिया …

भूल गया हूँ 
सब वेदना दर्द 
मन कसक 
छाँव तले तुम्हारी 
वट वृक्ष से तुम 

नैनों में स्नेह 
पिता परमेश्वर
सँवार देता
सपनों की दुनिया
लिए जादुई छड़ी 









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