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Saturday, March 7, 2015

सत असत का अभिनय न हो ;
सहज मन असहज न हो ,
बन जानकी तू न दे परीक्षा !!!
समर्थन असमर्थन में हाँ या न हो ,,,,,,

बीते कल की याद दिला न ;
आते कल को यूँ रोना न ,
तू ब्रम्हाणी तू रुद्राणी !!!
कल में कल को खोना न ,,,,,

काला काजल सफ़ेद चूना ;
कर्मों पर अब मलना न,
जीवन अनुभूति सुखद अनुभूति !!!
पाकर इसको खोना न ,,,,,

शेष अशेष कभी बचे न ;
अवेश आवेश कभी रुचे न ,
तू सावित्री तू है दुर्गा !!!
धारिणी बन कर सोना न,,,,, …''तनु ''

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